Advocate
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मय के प्याले में खोया मय खाना मंदिर लगे /
इस ज़माने के लिए आग सीने में जगे /
जिस किसी को हमने देखा स्वार्थ में डूबा हुवा /
एक सराबी मय में डूबा क्यों जमाना हे हसे /
दुनिया स्ताती हे जिन्हें वो ही सराबी हे बने /
शोक से पीते हे जो ,सर में चडाती दुनिया उन्हें
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