Advocate
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हिंदू धर्मनिरपेक्षता में नोबिल पुरस्कार के हकदार है
दुनिया में अपने धर्म के लिये आवाज उठाने में हिन्दू सबसे कमजोर है ,
ओर दूसरों के धर्म के लिये आबाज उठाने में आगे ,जबकी दूसरे धर्म वाले इतने कट्टर है कि उन्हें इनकी आवाज की जरूरत ही नहीं ।
हिंन्दू जितना बट रहा है उतना ही जल्दी दुनिया से सिमट रहा है
जब सभी धर्म समान है ,तो हिन्दू धर्मनिरपेक्ष क्यों
हिंदू होकर सभी धर्मो का सम्मान ठीक है
पर अपने धर्म का अपने ही देश में बार बार अपनों के द्वारा ही अपमान
कहां तक ठीक है ,अपने धर्म का गौरव इतना बचा के तो रखो कि जब दुनिया में कोई पूछे की किस धर्म के हो तो हिंदू बताने में शर्म ना लगें
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सेकुलर हिंन्दुओ हिंदू धर्म को तार तार ना करों
आखिर तुम भी हिंदू हो ।
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